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Shivratri Kyu Manaya Jata Hai | शिवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं ?

Shivratri Kyu Manaya Jata Hai - इस दिन भोलेबाबा की पार्वती माता जी के साथ शादी हुई थी. जिसके चलते इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

Shivratri Kyu Manaya Jata Hai: इस पर्व को मनाने के लिए अलग – अलग ग्रथों में अलग – अलग मान्यताएं प्राप्त है. लेकिन सबसे ज्यादा प्रचलित मान्यता यह है कि इस दिन भोलेबाबा की पार्वती माता जी के साथ शादी हुई थी. जिस खुशी में इस पर्व को बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है.

जैसा की आप सभी को पता ही है की हमारा देश एक धार्मिक देश है. जहाँ पर साल के अंदर कई सारे त्यौहार देखने को मिलते है. जिसको बड़ी धूमधाम से मनाया भी जाता है. उन्ही त्योहारों में एक शिवरात्री त्यौहार भी है. जिसको लोग बहुत ही धूम-धाम से मानते है लेकिन कुछ लोगो को ये शिवरात्रि क्यों मनाई जाती है इसके बारे में कोई खास जानकारी नहीं होती है.

Shivratri Kyu Manaya Jata Hai
Shivratri Kyu Manaya Jata Hai

अगर आपको भी जानना है की शिवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं तो ये पोस्ट खास आपके लिए ही है. जहाँ पर हम आपको शिवरात्रि से जुड़े सभी सवालों के बारे में बारीकी से बताएगें. इसलिए आप हमारे साथ इस पोस्ट में शुरू से लेकर अंत तक जरुर बने रहे. तो आते है सीधे मुद्दे पर और जानते है की शिवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं.

Shivratri Kyu Manaya Jata Hai ?

इस दिन भोलेनाथ जी की पार्वती माता के साथ शादी हुई थी, जिस खुशी में इस शिवरात्रि पर्व को मनाया जाता हैं. जोकि हम सभी बचपन से सुनते आ रहे है लेकिन इसके अलावा अलग अलग ग्रंथों में शिवरात्रि मनाने की अलग अलग मान्यताएं मौजूद है.

दूसरी मान्यता: विष मंथन

माना जाता हैं, की इस दिन देवता और राक्षस दोनों ही अमृत की खोज में निकले थे, ओर एक साथ दोनों को विष मिल गया, लेकिन दोनों पक्ष के लोग अमृत चाहते थे. जिस कारण दोनों पक्ष के बीच समुन्द्र मंथन युद्ध शुरू हो गया था.

जिस कारन सृष्टी के उपर जीवन-काल ही समाप्त होने का ही खतरा मंडराने लगा, जिसके चलते भोलेनाथ ने इस विष को पी लिया और उनका पूरा शरीर नीला पड़ गया. इस प्रकार भोलेनाथ ने समस्त देवगढ़, प्रेतगड़ ओर मनुष्य जाति को बचाया. जिस कारन ही भोलेनाथ को नीलकंठ कहा जाने लगा और शिवरात्रि को मनाया जाने लगा.

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तीसरी मान्यता: शिवरात्रि मनाने का वैज्ञानिक महत्व

वैज्ञानिकों के अनुसार इस दिन हमारे ग्रह (पृथ्वी) का उत्तरी गोलार्ध इस प्रकार की स्थिति में होता है, की मनुष्यों के भीतरी ऊर्जा एक शीर्ष बिंदु पर पहुचं जाती है. जिसके चलते कुंडलिनी शक्ति को आसानी से जागृत किया जा सकता हैं और उस समय हमारे बॉडी में एक नई ऊर्जा का संचालन होता है और हमारे बॉडी के रीढ़ की हड्डी (बैकबोन) को मजबूत करने में मदद करता हैं. 

जिसके लिए आपको अत्त्याधमिक ध्यान करने की आवश्यकता होती है. जिसमे आपको एकांत में अपना ध्यान केंद्रित करना होता है. इससे आपको एक सुपर नेचर पावर का एहसास भी होता है.

शिवरात्रि कब मनाई जाती हैं ?

हर साल शिवरात्रि की तारीख बदलती रहती है लेकिन इस साल 2024 में शिवरात्रि का त्यौहार 8 मार्च 2024 को मनाया जायेगा.

महाशिवरात्रि की पूजा विधि:

आपको प्रातः काल उठ कर सबसे पहले स्नान करना है. उसके बाद मिटटी के बर्तन में दूध भरकर रख ले. जिसमे आप कुछ आक – धतूरे के पत्ते और चावल आदि डाल ले. 

फिर आप मंदिर में जाकर इस दूध को शिवलिंग के ऊपर चढ़ाए और शिव पुराण का पाठ करे. इसके साथ ही साथ आप महामृन्त्युजय व् पचाक्षर मन्त्र ॐ नमः शिवाय का भी जाप कर सकते है.

निष्कर्ष – Shivratri Kyu Manaya Jata Hai

हमे उम्मीद है, की आपको शिवरात्रि क्यों मनाया जाता हैं और शिवरात्रि कब मनाई जाती हैं के बारे में अच्छे से जानकारी मिल सकी होगी . अगर अभी भी आपके मन मे किसी भी प्रकार में कोई सवाल हो तो आप हमसे comments में पूछ सकते हो. हम आपके सभी सवालों का जवाब देने में आपकी मदद करेगें.

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